अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अल्पसंख्यक हिंदू और सिख समुदाय के लोग बेहद खौफ में हैं। वे जान बचाकर भारत में शरण लेने को बेताब हैं। इनमें से कुछ लोग काबुल से नई दिल्ली तक का सफर तय करने में कामयाब रहे हैं। रविवार को भारतीय वायु सेना का विशेष विमान काबुल से 168 लोगों को लेकर गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पहुंचने के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा अफगानिस्तान संकट की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह वजह है कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) आवश्यक है।
एक न्यूज आर्टिकल को शेयर करते हुए सिंह ने ट्वीट किया, ”अस्थिर पड़ोस में ताजा घटनाक्रम और जिस तरह से सिख और हिंदू खौफनाक समय से गुजर रहे हैं, यही कारण है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करना आवश्यक था।” दिसंबर 2019 में बने इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताड़ित हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। मुस्लिम समुदाय के प्रति भेदभाव का आरोप लगाकर इस कानून के खिलाफ देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया।
15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। काबुल में तालिबानी लड़ाकों के घुसने से पहले ही राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए। कट्टरपंथी विद्रोही गुट के हाथ में कमान आते ही भारत सहित अधिकतर मुल्कों ने अपने नागरिकों को काबुल से निकालना शुरू कर दिया है। काबुल एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए हैं और किसी भी तरह यहां से निकल जाना चाहते हैं। आलम यह है कि कुछ लोगों ने अमेरिकी विमान से लटक गए और इसके उड़ान भरते ही गिरकर मारे गए।
भारत सरकार ने कहा है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। साथ ही यह भी कहा है कि अफगानिस्तान के उन हिंदू और सिखों की भी पूरी मदद की जाएगी, जो भारत आना चाहते हैं। खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया है।