राजगढ़/मप्र:– अहिंसा वेलफेयर सोसायटी की टीम द्वारा बाल विवाह और बाल सगाई जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस मुहिम के तहत अलग-अलग गांवों में चौपाल, दीवार लेखन और संवाद सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें खारचाखेड़ी गांव में दीवार लेखन के माध्यम से ग्रामीण समुदाय को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में बताया गया। इसके बाद, चौपाल का आयोजन किया गया जिसमें युवाओं, बच्चों और महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस चौपाल में खुले संवाद के माध्यम से इस कुप्रथा के खिलाफ ठोस कदम उठाने की रणनीति बनाई गई। स्थानीय लोगों ने सामूहिक रूप से बाल विवाह जैसी प्रथाओं को समाज से समाप्त करने का संकल्प लिया।
साथ ही टीम ने खिलचीपुर ब्लॉक के कुशलपुरा गांव में महिलाओं के साथ बैठक की। इस बैठक में बाल विवाह और बाल सगाई जैसी कुप्रथाओं के सामाजिक, शारीरिक और मानसिक प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की गई। महिलाओं को समझाया गया कि इन कुप्रथाओं को खत्म करना न केवल बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करेगा, बल्कि समाज को भी सशक्त बनाएगा। अहिंसा वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने बताया कि चौपाल और संवाद सत्र केवल चर्चा का मंच नहीं, बल्कि बदलाव की शुरुआत हैं। इन चौपालों ने ग्रामीणों को बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने की प्रेरणा दी। ग्रामीण समुदाय ने खुले दिल से बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता को अपनाया और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का वादा किया। इस जागरूकता अभियान के दौरान महिलाओं और युवाओं ने बाल विवाह के उन्मूलन में अपनी सक्रिय भागीदारी की जरूरत को समझा। सभी ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया: “हम बदलेंगे और बाल सगाई व बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को हमेशा के लिए खत्म करेंगे।”
अहिंसा वेलफेयर सोसायटी की यह पहल न केवल समाज को जागरूक कर रही है, बल्कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में ठोस कदम भी बढ़ा रही है।