राजगढ/ब्यावरा:–प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का सपना देख रहे है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सपना साकार हो ऐसा संभव नहीं लगता,,,,? आम जनता परेशान है जिले में भ्रष्टाचार मनमानी जैसे आधा दर्जन मामले जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मगर कार्यवाही के आभाव में जनता पीस रही है कार्यालयों की स्थिति यह है कि पहिए लग जाए तो फाइल आगे बढ़ती है वरना धूल खाती रहती है,,,,
ऐसा ही एक मामला पुलिस विभाग का प्रकाश में आया है। कार्यालय जिला दंडाधिकारी, राजगढ, पत्र क्रमांक 478/22 दिनांक 6/09/2022 को एक शस्त्र लायसेंस की फाइल जांच व वेरिफिकेशन हेतु दो प्रतियो में अलग अलग कार्यालय भेजी गई जिसमे एक एसडीएम ब्यावरा और दूसरी पुलिस थाना ब्यावरा को भेजी गई जिसमे एसडीएम कार्यालय ब्यावरा द्वारा समस्त दस्तावेजों की जांच कर फाइल की नस्ती कलेक्टर कार्यालय राजगढ को पत्र क्रमांक 1856 दिनाक 2/1/2023 में भेज दी गई। मगर पुलिस थाना ब्यावरा द्वारा उक्त फाइल क्रमांक 478/22 शस्त्र लायसेंस शाखा में पहिए नही लगे होने कारण बीते आठ माह से धूल खा रही है मजेदार बात यह है कि उक्त फाइल एसडीओपी कार्यालय ब्यावरा और एसपी कार्यालय राजगढ चर्चा का विषय बनी हुई है आखिरकार फाइल है कहा,,,,? एसपी कार्यालय द्वारा उक्त फाइल की छानबीन करवाने पर अंत में पता चला है कि ब्यावरा थाने में ही पटक रखी है इसके लिए दोषी कोन है यह जिले के कप्तान ही जाने।बताया जाता है कि आवेदक एक बेरोजगार गरीब परिवार का है शस्त्र लायसेंस के आधार पर सुरक्षा गार्ड के पद पर रोजगार की तलाश में लगा हुआ है ताकि परिवार का पालन पोषण कर सके ।