राजगढ़/ब्यावरा:–शासन नियम विरुद्ध पदस्थ प्रभारी एसडीओ संजय वर्मा की मनमानी चर्चा का विषय बना
भ्रष्टाचार की बेशाखीयो पर चल रहा ग्रामीण यांत्रकीय विभाग कार्यालय इन दिनों भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है।
कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा राजगढ़ द्वारा बीते माह नीति आयोग एवं जनभागीदारी मद से स्वीकृत किए तालाब कार्यों की लिस्ट जारी की गई थी जिसके अंतर्गत तालाब से गाद निकालने के लिए नीति आयोग मद राशि 3 लाख और जन भागीदारी मद से राशि 80 हजार रुपए की तकनीकि स्वीकृत प्रदान की गई थी।
विचारणीय बिंदु यह है कि जनपद पंचायत के अंतर्गत 109 पंचायत है उसमे मात्र 6 पंचायतो के अंतर्गत 11 कार्यों को ही तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई, व एक ही पंचायत में तो तीन तालाबों को स्वीकृति प्रदान कर दी गई जबकि माप दंड के आधार पर देखा जाए तो दर्जनों ग्राम पंचायते ऐसी है जिनके तालाब पगडंडी बन गए। जो सीधे सीधे भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी होने को नकारा नहीं जा सकता।
हाल ही में शासन द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया गया जो 30 मार्च से 30 जून तक चलेगा। ज्ञात रहे कि उक्त अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में जल स्त्रोत तालाब कुओं की साफ सफाई करवाई जायेगी।
नीति आयोग द्वारा स्वीकृत कार्यों में भ्रष्टाचार की आंच ठंडी भी नही पड़ी थी कि लाखो की गंगा जल संवर्धन योजना 8 परसेंट कमीशन के घेरे में आ गई।
उप संभाग कार्यालय ब्यावरा में संविदा पर पदस्थ उपयंत्री संजय वर्मा को नियम विरुद्ध प्रभारी एसडीओ बनाया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है कहते हैं सैया भई कोतवाल तो अब डर काहे का। मगर हाल ही में जिले के जिम्मेदार पावरफुल जनप्रतिनिधि के रिश्तेदार ने एसडीओ वर्मा को कार्यालय में कमीशन खोरी को लेकर फटकार लगाई जिसकी गूंज ग्राम पंचायतों तक सुनी जा सकती है। तालाब स्वीकृत के माप दंड के सवाल पर प्रभारी संजय वर्मा से बात की गई तो उनका कहना है जिस पंचायत में कार्य की आवश्यकता होती है उस पंचायत का प्रपोजल तैयार कर हम भेजते हैं अभी कलेक्टर द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई।
इनका कहना है
कमीशन वाली बात गलत है, हमारे यहां कोई कमीशन नहीं लिया जाता है
सुरेश वर्मा
प्रभारी एसडीओ
कार्यालय आरईएस उप संभाग ब्यावरा