एयर एशिया इंडिया की अहमदाबाद-चेन्नई उड़ान और इंडिगो की बेंगलुरु-वडोदरा उड़ान 29 जनवरी को एक दूसरे से टकराने से बाल-बाल बच गए थे। दोनों विमान आठ किलोमीटर के दायरे में आ गए थे। मुंबई हवाई क्षेत्र के ऊपर उनकी ऊर्ध्वाधार (वर्टिकल) दूरी 300 फुट रह गई थी। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
इसी महीने जारी जांच रिपोर्ट के अनुसार, इस ‘गंभीर चूक’ का संभावित कारण हवाई यातायात नियंत्रक का स्थिति से अवगत नहीं होना था। इसमें कहा गया है कि एक अन्य संभावित कारण यह था कि मुंबई हवाई अड्डे पर नियंत्रक द्वारा स्थिति का मूल्यांकन पहले से मन में कोई विचार बनाकर किया गया था।
घटना का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि अहमदाबाद से दक्षिण भारत जाने वाली ज्यादातर उड़ानें भावनगर के ऊपर से जाती हैं। हालांकि, 29 जनवरी को, एयर एशिया इंडिया की उड़ान उस मार्ग पर थी जिसका उपयोग आमतौर से मुंबई हवाई अड्डे पर उतरने वाले विमानों द्वारा किया जाता है।
एयर एशिया इंडिया के विमान द्वारा मार्ग में बदलाव किए जाने और विपरीत दिशा से आने वाली इंडिगो उड़ान के सीधे मार्ग पर होने के कारण यह स्थिति बनी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब पर्याप्त दूरी बनी हुई थी, हवाई यातायात नियंत्रक की स्वचालित प्रणाली ने पूर्वानुमानित चेतावनी जारी की। हालांकि, नियंत्रक ने विजुअल अनुमानित चेतावनी पर गौर नहीं किया। इसमें कहा गया है कि नियंत्रक अपने पिछले अनुभव के कारण यह मान रहा था कि एयर एशिया इंडिया की उड़ान भावनगर के ऊपर अपने सामान्य मार्ग पर है। इसलिए नियंत्रक ने सोचा कि एयर एशिया इंडिया की उड़ान इंडिगो की उड़ान के बहुत करीब नहीं है।
दुर्घटना से ऐसे बचा गया
जब तक नियंत्रक को स्थिति का एहसास हुआ, तब तक एयर एशिया इंडिया की उड़ान 38,008 फुट की ऊंचाई तक पहुंच गई थी, जबकि इंडिगो की उड़ान 38,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ रही थी। एयर एशिया इंडिया की उड़ान और ऊंची होती गई, क्योंकि उसकी ट्रैफिक टकराव बचाव प्रणाली (टीसीएएस) ने पायलटों को चेतावनी जारी की थी। वहीं, इंडिगो की उड़ान 38,000 फुट की ऊंचाई पर ही बनी रही।