बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद खाली हुई कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अब बसवराज बोम्मई (Basavaraj S Bommai) बैठेंगे। भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक दल की बैठक में उन्हें कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री (Karnatka New CM) बनाने का फैसला किया गया। बसवराज कल दोपहर तीन बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
बसवराज, येदियुरप्पा सरकार में गृह, संसदीय और कानून मामलों के मंत्री थे। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री का करीबी भी माना जाता है। येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद जिन नामों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, उनमें बोम्मई का नाम सबसे आगे था। सूत्रों के अनुसार, येदियुरप्पा के बेटे वाय बी विजयेंद्र को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। विजयेंद्र अभी उपाध्यक्ष हैं।
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येदियुरप्पा की तरह ही बसवराज भी कर्नाटक में बड़ा वोट बैंक माने जाने वाले लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस आर बोम्मई के बेटे बसवराज ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनत दल के साथ की थी और एच डी देवगौड़ा व रामकृष्ण हेगड़े जैसे दिग्गज नेताओं के साथ काम किया। वर्ष 2008 में जेडी(यू) छोड़ने के बाद बसवराज ने बीजेपी का दामन थाम लिया था।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री चुने जाने पर बसवराज बोम्मई ने कहा कि मौजूदा स्थिति में ये एक बड़ी जिम्मेदारी है। मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के अनुरूप गरीबों के लिए काम करने की कोशिश करूंगा। मैंने कभी इसकी उम्मीद नहीं की थी। हालांकि मुझे अपनी मेहनत पर भरोसा था और मुझे इसका परिणाम मिला।
पिछले दिनों जब यह चर्चा थी कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व येदियुरप्पा को हटाना चाहता है तो राज्य के लिंगायत मठों ने चेतावनी जारी की थी कि पार्टी को इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है। कर्नाटक में लिंगायतों की आबादी करीब 16 प्रतिशत है और मोटे तौर पर इन्हें बीजेपी का समर्थक माना जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि बसवराज को मुख्यमंत्री चुनकर बीजेपी ने लिंगायत वोटों को अपने पाले में बनाए रखने की कोशिश की है।
इसके अलावा सीएम पद के लिए ब्राह्मण समुदाय से आने वाले संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, विश्वेश्वरा हेगड़े कगेरी का नाम चर्चा की भी चर्चा थी। लिंगायत समुदाय से ही आने वाले अन्य नेता मुरगेश निरनई का नाम भी रेस में था।
नए नेता के चुनाव के लिए शहर के एक निजी होटल में बैठक हुई, जिसमें भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षकों- केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जी किशन रेड्डी- भी शामिल हुए। विधायक दल की बैठक से पहले पर्यवेक्षकों ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। इसके बाद विधायक दल की बैठक में येदियुरप्पा भी शामिल हुए।
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