मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में 20 साल के युवक की मौत के बाद उसके शव को बाइक पर ले जाना पड़ा. सीएम हेल्प लाइन और सीएमएचओ कोई मदद नहीं कर सके.
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में 20 साल के युवक की मौत के बाद उसके शव को बाइक पर ले जाना पड़ा. सीएम हेल्प लाइन और सीएमएचओ कोई मदद नहीं कर सके.
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में 20 साल के युवक के शव को बाइक पर ले जाना पड़ा. ये शर्मनाक मामला 17 मार्च की रात सामने आया. उसके शव को ले जाने के लिए भाई-भाभी और परिजन सीएमएचओ, सीएम हेल्पलाइन और डायल-100 पर फोन कर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन शव वाहन का इंतजाम नहीं हो सका. इसके बाद परिवार शव को बाइक पर ले जाने के लिए मजबूर हुआ. हालांकि, बाइक पर शव ले जाना आसान नहीं था, क्योंकि वह अकड़ चुका था. मृतक के परिजन शाम साढ़े छह बजे से रात साढ़े 11 तक परेशान होते रहे.
छतरपुर. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में 17 मार्च की रात शर्मनाक मामला सामने आया. जिला अस्पताल में 20 साल के एक युवक की मौत हो गई. परिजन उसके शव को ले जाने के लिए सीएमएचओ, सीएम हेल्पलाइन और डायल-100 पर फोन कर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन शव वाहन उन्हें नहीं मिला. इसके बाद परिवार शव को बाइक पर ले जाने के लिए मजबूर हुआ. इससे पहले शव को ले जाने के लिए घंटों तक मशक्कत हुई.
गौरतलब है कि 20 साल का शंकर लाल रैकवार बमीठा के शांति नगर कॉलोनी में रहता था. उसकी तबीयत खराब थी, तो उसका भाई अशोर रैकवार और भाभी पूजा उसे 17 मार्च की दोपहर ढाई बजे जिला अस्पताल ले आए. यहां इलाज के दौरान शाम साढ़े छह बजे उसकी मौत हो गई. मौत के बाद भाई-भाभी ने एंबुलेंस के लिए बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिली. परिजन बड़ी देर तक कोशिश करते रहे और उन्होंने अस्पताल, सीएमएचओ, सीएम हेल्पलाइन, डायल-100 तक को फोन कर शव वाहन देने के गिड़गिड़ाते रहे.
रात तक परेशान होते रहे परिजन
युवक की मौत के बाद सीएमएचओ, CM हेल्पलाइन पर गिड़गिड़ाते रहे परिजन, नहीं मिली एंबुलेंस