बहादुरी की धरती में तुम पौरूष की फसलें बो लो… तुम वीर पुत्र हो वीरों के, वीरों जैसे नर्भय डोलो…
ब्यावरा/राजगढ:–नगर की सहयोग संस्था द्वारा स्थानीय नगर पालिका कांप्लेक्स परिसर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें वीर रस, श्रंगार, गीतकार व हास्य रसि के कवियों ने भाग लिया। जिन्होंने गीत, गजल से लेकर श्रंगार व वीर रस की रचनाएं सुनाकर जनप्रतिनिधियों और श्रोताओं को मद मस्त कर दिया।
अर्ध रात्रि तक चले सम्मेलन में कवियो ने वीर और श्रृंगार रस की कविताओं से समा बांधा,,, पानी है पनास का इस पानी से तुम तनमन धन धो लो,,,इस बहादुरी की धरती में तुम पौरूष की फसलें बो लो… तुम वीर पुत्र हो वीरों के, वीरों जैसे नर्भय डोलो, बस एक धर्म है देशभक्ति तुम उसके अनुयायी हो लो। यह रचनाएं वीर रस के कवि अजय अंजाम ने सुनाई। इस मौके पर वीर रस, श्रंगार, गीतकार, व हास्य के कवियों ने काव्यपाठ किया ।
उल्लेखनीय है कि कवि सम्मेलन का शुभारंभ बतौर अतिथियों के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष ज्ञानसिंह गुर्जर, विधायक रामचंद्र दांगी, पूर्व विधायक नारायणसिंह पंवार, बद्रीलाल यादव, पुरूषोत्तम दांगी, संघ के विभाग कार्यवाह धर्मेद्र शर्मा, पूर्व जिपं अध्यक्ष प्रतिनिधि जसवंतसिंह गुर्जर, पूर्व जिलाध्यक्ष दिलवर यादव, जिला उपाध्यक्ष जगदीश पंवार, पूर्व नपाध्यक्ष अखिलेश जोशी, नारायणसिंह सालरियाखेड़ी, वरिष्ठ व्यापारी कैलाश गुप्ता टाटा वाले, संपत्त मोदानी, विष्णु अग्रवाल, मोहन गुप्ता, डा. राकेश गुप्ता आदि ने किया । कवि सम्मेलन के समापन मौके पर सहयोग संस्था के सदस्यों व अतिथियों द्वारा कवियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मेलन का समापन किया। स्वागत भाषण संस्था के सदस्य पंडित अमित शर्मा ने किया व आभार हेमंत जजावरा ने व्यक्त किया। अतिथियों व कवियों का स्वागत संस्था के सदस्यगण राहुल सलूजा, अशोक गुप्ता, मुस्तफा हकीमी, होजेफा मुराद, राजू यादव, रामू गुप्ता, सतवीर सलूजा, मोहन पंवार, रवि बडोने, कमल पंवार, चंदन अग्रवाल,सत्येंद्र सेंगर, चंदन जादौन, दिलीप सक्सैना, गिरराज लववंशी, नीरज परमार, आकश शर्मा, प्रशांत शर्मा, सोहन शर्मा, अमित सक्सैना, तनु गुप्ता, रवि माथुर, हेमंत यादव, राजेश राठौर,गगन चौहान, समर्थ शर्मा, अजय गौड़ आदि ने किया।
वीर रस से लेकर श्रंगार तक का किया काव्यपाठ
कवि सम्मेलन के दौरान बाहर से आए कवियों ने वीर रस, श्रंगार, गीत व हास्य की कविताएं सुनाई। कवि अजय अंजाम ने वीर रस की कविताएं सुनाई। उन्होंने हल्दी घाटी के युद्ध का वर्णन किया। उन्होंने राणा प्रताप व उनके घोड़े चेतक का अदभुत वर्णन किया। मंच संचालक सुमित ओरछा ने भगवान श्री राम पर काव्यपाठ किया। उन्होंने भगवान श्री राम के जन्म से लेकर वनवास तक काे अपने काव्यपाठ में संजोया। गीतकार रामकिशोर राजे ने वर्षा की बेरूखी पर काव्य पाठ करते हुए कहा कि बादल तुम कब बरसोगे। मुन्ना बैटरी ने हास्य की कविताएं सुनाई। मणिका दुबे व शिवांगी शर्मा ने श्रंगार की रचनाएं सुनाई।